प्रेरणापूंज काकाजी. ..
सन १९२५ में डॉ केशव बलिराम हेडगेवार नामक आधुनिक भगीरथ ने संघगंगा अपने भारतभूमि में अवतरीत की और प्रवाहित की l इस संघगंगा की विशाल धारा से निष्काम कर्मयोगी, परिश्रमी एवं समाज के लिए अपना संपूर्ण जीवन देने वाले अनगिनत रत्न निर्माण हुए l असंख्य. . .अनंत, त्‍यागी, नररत्नों का यह महासागर. . . अनंत माने अथाह, विशाल l देश के कोने कोने में ऐसे अनगिनत नंदादीप प्रज्वलित हुए जिन्होंने अपने निजी जीवन का कण-कण, क्षण-क्षण समाज को अर्पित किया l इसी दीप मालिका में एक तपस्वी साधक एवं निष्काम कर्मयोगी स्‍वयंसेवक थे स्व. शंकरलालजी उपाख्‍य काकाजी खंडेलवाल l काकाजी इस नाम से केवल अकोला ही नहीं, केवल विदर्भ ही नहीं अपितु पूरे भारत में जिन्हें सम्मान से जाना जाता था ऐसे कर्मवीर थे काकाजी l काकाजी केवल एक व्यक्ति नहीं थे वे तो प्रेरणापुंज थे l राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विशाल, पुण्यपावन एवं अथाह गंगासागर में अनगिनत माणीक मोती है। काकाजी उनमें से एक थे। अपनी साधारण परिस्थिति से संघर्ष कर उन्होंने अपना परिवार, आत्मीयजन तथा समाज के साथ देश के लिए अपना संपूर्ण जीवन समर्पित कर दिया था। काकाजी का जीवन अविश्रांत यात्रा थी। प्रेम, ममता, वात्‍सल्‍य, संवेदनशीलता, समर्पण, त्याग, प्रामाणिकता, आत्मीयभाव, उदारता, भव्य-दिव्य कल्पकता, परिश्रम, सक्रीयता, श्रद्धा, निष्ठा, आदी अनेक मुल्‍योंका दर्शन काकाजी के चरित्र में कदम कदम पर मिलता है। काकाजी का जीवन अखंड स्वयंसेवकत्व की ज्योती से प्रज्वलित था। काकाजी अपने जीवन की प्रत्येक भूमिका मे अपने आप को खपा देते थे। उनके जीवन का मध्यवर्ती बिंदू था राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ। उनका जीवन संघमय था। त्यागमय था और कर्तव्यनिष्ठ था। अनेक संस्थाएं, अनेक प्रकल्प एवं अनेक उपक्रमों के वे संस्‍थापक-भगिरथ है । "पाच पाच पीढ़ियों के पश्चात यह दिन आया है" प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदीजी के यह भावपूर्ण उद्गार उसी संघ गंगा को वंदन स्वरूप थे जिसमें स्‍व. काकाजी जैसे अनगिनत, अनमोल मोती अपना जीवन समाज के लिए-देश के लिए सदैव न्‍यौछावर करते रहे। गुणों की पूजा करने की अपनी संस्कृती किंतु वह गुण प्रत्‍यक्ष जीने वाले व्‍यक्तित्‍वको नमन कर उनसे प्रेरणा प्राप्‍त करना हम सभी का परम कर्तव्य है । अकोला एवं परिसर में शैक्षणिक, सामाजिक, धार्मिक, राजकीय सभी क्षेत्रोंमे सेवा के मानदंड के रूप में जिनका स्‍मरण किया जाता है एैसे संघसाधक स्‍व. शंकरलालजी उपाख्‍य काकाजी खंडेलवाल का दिनांक ०१ अगस्‍त यह जन्‍मदिन, प्रेरणा दिवस के रूप में मनाया जाता है l उनके कर्तृत्‍वशील जीवन एवं विराट व्‍यक्‍तीत्‍व को सादर नमन कर उनके जीवनमूल्‍यों की प्रेरणा हम सभी को निरंतर प्राप्‍त होती रहे यही प्रार्थना l निशीकांत देशपांडे, अकोला